भूटान में क्यों है भारतीय सेना की तैनाती? खतरे का बड़ा राज हुआ बेपर्दा!

भारत और भूटान की गुप्त सैन्य साझेदारी ने चीन के दावों पर लगाया शिकंजा। जानिए क्यों है इस तैनाती का बड़ा राज और कैसे बदल रहा है दक्षिण एशिया का सुरक्षा परिदृश्य। पढ़िए पूरी कहानी और समझिए इस रणनीतिक कदम के मायने।

By GyanOK

भूटान में भारतीय सेना की तैनाती एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक विषय है, जो भारत-भूटान और भारत-चीन संबंधों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़ा हुआ है। भूटान, जो भारत का पड़ोसी और करीबी सहयोगी है, अपने सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए भारत पर निर्भर रहता है। यह निर्भरता विशेष रूप से इसलिए अहम हो जाती है क्योंकि भूटान की सीमाएं चीन के साथ विवादित हैं। भारत और भूटान के बीच 2007 में हुए सुरक्षा समझौते के तहत भारतीय सेना भूटान में तैनात रहती है, खासकर उन इलाकों में जहां चीन की सीमा विवाद की छाया बनी रहती है। इस तैनाती का मकसद न केवल भूटान की रक्षा करना है, बल्कि भारत के लिए भी यह रणनीतिक जरूरत है ताकि वह क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सके और चीन के विस्तारवादी इरादों को रोक सके।

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भारत-चीन सीमा विवाद और भूटान की भूमिका

चीन और भारत के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है, और भूटान की सीमाएं इस विवाद का हिस्सा बनी हुई हैं। चीन ने भूटान के कुछ क्षेत्रों पर दावा किया है, जो भारत के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि भारत और भूटान की दोस्ती मजबूत है और भारत इस क्षेत्र में स्थिरता चाहता है। भारतीय सेना की तैनाती भूटान की सीमाओं की निगरानी करती है और किसी भी तरह की घुसपैठ या अनधिकृत गतिविधि को रोकने में सहायता करती है। इसके साथ ही यह तैनाती भारत और भूटान के बीच सैन्य सहयोग को भी मजबूत करती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अहम है।

राजनीतिक और कूटनीतिक महत्व

भारतीय सेना की यह तैनाती केवल सैन्य दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों का भी एक मजबूत स्तंभ है। भूटान की सुरक्षा में भारत की भागीदारी से यह संदेश जाता है कि भारत अपने मित्र देशों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, चीन इस तैनाती को लेकर असंतुष्ट है और इसे अपनी सीमा सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। इससे क्षेत्रीय तनाव भी बढ़ सकता है, लेकिन भारत-भूटान के बीच इस समझौते को लेकर दोनों देशों की सहमति और पारस्परिक विश्वास बहुत मजबूत है।

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भारतीय सेना की व्यापक भूमिका

इस संदर्भ में भारतीय सेना की भूमिका केवल सीमा सुरक्षा तक सीमित नहीं है। भारतीय सेना भूटान में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता और राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, भूटान में सामरिक और तकनीकी सहायता भी प्रदान करती है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई बढ़ती है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए रणनीतिक और आर्थिक रूप से फायदेमंद है, खासकर जब क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा की बात हो।

चीन के दबाव के बीच संतुलन बनाए रखना

चीन की तरफ से लगातार भूटान की सीमाओं पर दबाव बनाए जाने के बावजूद, भारत और भूटान की साझेदारी ने इस क्षेत्र में संतुलन बनाए रखा है। भारतीय सेना की तैनाती इस संतुलन को बनाए रखने का एक जरिया है, जो भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने में सहायता कर सकती है। इस तरह यह तैनाती न केवल भूटान के लिए सुरक्षा कवच है, बल्कि भारत के लिए भी एक रणनीतिक जरूरत बन चुकी है।

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