
भारत में बने स्मार्टफोन ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 55% अधिक है। इस ऐतिहासिक बढ़ोतरी ने स्मार्टफोन को देश का सबसे अधिक निर्यात होने वाला प्रोडक्ट बना दिया है। अब यह पेट्रोलियम उत्पादों और हीरे-रत्नों जैसे पारंपरिक निर्यात को पीछे छोड़ चुका है। इस विकास ने भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी अहम भूमिका को और भी मजबूत किया है।
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मुख्य योगदानकर्ता कंपनियाँ और उत्पादन केंद्र
भारत के स्मार्टफोन निर्यात में सबसे बड़ा योगदान Apple और Samsung जैसी बड़ी कंपनियों का है। 2024 में इन दोनों कंपनियों ने भारत के कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 94% हिस्सा लिया। खासकर Apple के iPhone का निर्यात तेजी से बढ़ा है और अब यह भारत के कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 75% हिस्सा बन चुका है। तमिलनाडु राज्य, विशेष रूप से चेन्नई, iPhone के उत्पादन का केंद्र बन चुका है, जहां Foxconn, Pegatron और Tata Electronics जैसी कंपनियां मिलकर उत्पादन करती हैं। इन प्लांटों की वजह से भारत में iPhone का करीब 70-80% उत्पादन होता है। इसके अलावा, Google ने भी भारत में Pixel स्मार्टफोन का उत्पादन शुरू किया है, जिससे देश की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षमता को और मजबूती मिली है।
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सरकारी पहल और निवेश का प्रभाव
भारत सरकार की ‘Make in India’ और ‘Atmanirbhar Bharat’ पहलें इस उपलब्धि के पीछे की बड़ी वजह हैं। विशेष रूप से, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित किया है। इस योजना से कंपनियों को विशेष लाभ और सब्सिडी मिलती हैं, जिससे उन्होंने अपने उत्पादन को भारत में स्थानांतरित किया है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को दोगुना करना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
भारत की वैश्विक स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
यह बढ़ती हुई निर्यात क्षमता न केवल भारत की आर्थिक स्थिति को सशक्त करती है, बल्कि देश को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करती है। भारत के स्मार्टफोन उत्पादन और निर्यात में यह तेजी स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ तकनीकी विकास को भी बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, इससे भारत में रिन्यूएबल एनर्जी और स्मार्ट टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना भी है।
आगे आने वाले वर्षों में यदि यह विकास जारी रहता है, तो भारत स्मार्टफोन निर्माण और निर्यात में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश बन सकता है। इसके साथ ही यह भारतीय कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा और आयात पर निर्भरता को कम करेगा। इस सफलता से युवा उद्यमियों और तकनीकी क्षेत्र के विकास को भी प्रेरणा मिलेगी।
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