उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते आखिरकार बेसिक शिक्षा परिषद ने परिषदीय और मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश की आधिकारिक घोषणा कर दी है। अब छात्रों को गर्मी की तपन से राहत मिलेगी, क्योंकि राज्य के सभी बेसिक शिक्षा से संबंधित स्कूल 20 मई 2025 से 15 जून 2025 तक बंद रहेंगे। स्कूलों को 16 जून 2025 (सोमवार) से दोबारा खोला जाएगा।

बेसिक शिक्षा परिषद की अवकाश तालिका से हुई पुष्टि
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा जारी आधिकारिक अवकाश तालिका के अनुसार, यह निर्णय सभी परिषद द्वारा संचालित, मान्यता प्राप्त और अनुदानित विद्यालयों पर लागू होगा। इसमें सरकारी के साथ-साथ वे प्राइवेट स्कूल भी शामिल हैं जो परिषद की गाइडलाइंस का पालन करते हैं।
कुछ स्कूलों में शनिवार, 18 मई की पढ़ाई के बाद से ही छुट्टियों की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, जिन स्कूलों में कक्षाएं अभी भी चल रही हैं, वे भी सोमवार से बंद हो जाएंगे।
26 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश
छुट्टियों की कुल अवधि 26 दिनों की होगी। इस दौरान कोई कक्षाएं या स्कूल गतिविधियां संचालित नहीं की जाएंगी। केवल आवश्यक प्रशासनिक कार्य या परीक्षाओं की मूल्यांकन प्रक्रिया, यदि पहले से तय हो, तो उसे सीमित स्टाफ के साथ पूरा किया जा सकता है।
जून में एकमात्र सार्वजनिक अवकाश — 7 जून
बेसिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ जिलाधिकारी कार्यालय और बैंक यूनियनों की तरफ से जारी अवकाश सूची के अनुसार, जून में केवल एक सार्वजनिक अवकाश 7 जून (शनिवार) को रहेगा। यह दिन ईद-उल-जुहा (बकरीद) के उपलक्ष्य में घोषित किया गया है। इस दिन प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे
अवकाश की शुरुआत | 20 मई 2025 |
अंतिम अवकाश दिवस | 15 जून 2025 |
स्कूल पुनः खुलेंगे | 16 जून 2025 (सोमवार) |
क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी?
बेसिक शिक्षा परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
“इस वर्ष प्रदेश के कई जिलों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। छात्रों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गर्मी की छुट्टियों को समय से पहले घोषित किया गया है। हम सभी विद्यालयों को निर्देश दे चुके हैं कि इस अवधि में किसी भी प्रकार की अनावश्यक गतिविधियों से बचा जाए।”
उत्तर प्रदेश में जारी भीषण गर्मी के बीच शिक्षा विभाग द्वारा समय रहते छुट्टियों की जल्दी घोषणा करना एक सराहनीय कदम है। इससे छात्रों को गर्मी से राहत मिलेगी और वे एक बार फिर तरोताज़ा होकर नए सत्र की शुरुआत कर सकेंगे।