हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को या तो बंद किया जाएगा या उन्हें अन्य स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गुरुवार को बताया कि राज्य में 25 से कम छात्रों वाले स्कूलों को चिन्हित कर उनके पुनर्गठन की योजना तैयार की जा रही है।

पिछले ढाई साल में 1200 स्कूल किए गए बंद या विलय
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले ढाई वर्षों में करीब 1200 स्कूलों को बंद या विलय किया गया है। इनमें से 450 स्कूल ऐसे थे जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं था, जबकि 750 स्कूलों को कम छात्र संख्या के चलते दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह फैसला संसाधनों के बेहतर उपयोग और गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से लिया गया है।
कक्षा 6 से 12 तक 25 से कम छात्र? तो स्कूल होगा मर्ज
नई नीति के तहत, अब कोई भी स्कूल जहां कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों की संख्या 25 से कम है, उसे दूसरे स्कूल में मर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसे लगभग 100 और स्कूलों की पहचान की गई है जहां फिलहाल कोई छात्र नहीं पढ़ रहा—इन स्कूलों को भी जल्द गैर-अधिसूचित किया जाएगा।
शिक्षक बहाली में तेजी, 15,000 पदों पर भर्ती
शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने 15,000 नए शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की है। इसमें:
- 3,900 पद प्राथमिक शिक्षा के लिए
- 3,100 पद चयन आयोग के जरिए भरे जाएंगे
- 6,200 नर्सरी शिक्षकों की बहाली की जाएगी
इनके अलावा, सरकार अब तक 700 स्कूल लेक्चरर, 483 सहायक प्रोफेसर, और 200 से अधिक कार्यवाहक प्रिंसिपल्स को स्थायी नियुक्ति दे चुकी है।
ASER रिपोर्ट में हिमाचल टॉप पर
ASER रिपोर्ट 2025 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के छात्र पढ़ाई के प्रदर्शन में देशभर में सबसे आगे हैं। राज्य के सरकारी स्कूल गुणवत्ता, साक्षरता और गणितीय कौशल जैसे कई मानकों पर टॉप कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों के पुनर्गठन और शिक्षकों की बहाली जैसे फैसले इन उपलब्धियों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का चेहरा बदल रहा है। एक तरफ जहां अप्रभावी स्कूलों को बंद या मर्ज किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की भारी बहाली और संसाधनों के प्रभावी वितरण से राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिल रही है। आने वाले वर्षों में इन सुधारों का असर और भी साफ दिखाई देने की उम्मीद है।