AC यूज़ करते समय ये गलती न करें, वरना बन सकता है ब्लास्ट मशीन!

गर्मी के मौसम में AC का उपयोग जितना आरामदायक लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है अगर आप सावधानी नहीं बरतते। इस लेख में जानिए वो 5 गलतियां जो आपके AC को ब्लास्ट मशीन बना सकती हैं, और कैसे बचें इस जानलेवा चूक से।

By GyanOK

गर्मियों के मौसम में Air Conditioner यानी AC का इस्तेमाल आम बात हो गई है, लेकिन ज़रा सी लापरवाही आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। हाल ही में नोएडा की एक हाईराइज़ सोसाइटी में AC ब्लास्ट की घटना सामने आई, जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं हमारी छोटी-सी चूक हमें बड़ी मुसीबत में तो नहीं डाल रही। AC को सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर यह सुविधा देने वाली मशीन अचानक एक ब्लास्ट मशीन बन सकती है।

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रेफ्रिजरेंट लीकेज और ओवरहीटिंग का खतरा

AC ब्लास्ट की सबसे सामान्य वजहों में रेफ्रिजरेंट का लीकेज और यूनिट का ओवरहीट होना प्रमुख है। जब AC में गैस का रिसाव होता है तो सिस्टम की कूलिंग क्षमता घट जाती है और कंप्रेसर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे यूनिट का ओवरहीट होना तय है और अगर समय रहते इसे रोका न जाए तो यह आग या विस्फोट की स्थिति पैदा कर सकता है।

गंदे कंडेंसर कॉइल्स और उनकी गंभीरता

इसके अलावा, गंदे कंडेंसर कॉइल्स भी बड़ी वजह बन सकते हैं। जब कॉइल्स पर धूल या गंदगी जमा हो जाती है, तो गर्मी का आदान-प्रदान सही तरीके से नहीं हो पाता और सिस्टम ओवरलोड हो जाता है। यही ओवरहीटिंग धीरे-धीरे ब्लास्ट जैसी गंभीर स्थिति का कारण बन सकती है।

कम तापमान सेटिंग की घातक आदत

बहुत कम तापमान पर AC चलाने की आदत भी नुकसानदायक हो सकती है। जब हम 16 या 18 डिग्री पर AC को लगातार चलाते हैं, तो कंप्रेसर अत्यधिक दबाव में काम करता है, जिससे वह जल्दी गर्म होता है और संभावित खतरे की स्थिति बनती है। इस आदत को छोड़कर हमें हमेशा 24 से 26 डिग्री के बीच तापमान रखना चाहिए जो कूलिंग के लिए पर्याप्त भी है और मशीन के लिए सुरक्षित भी।

विद्युत दोष और गलत वायरिंग का खतरा

एक और अनदेखा खतरा विद्युत दोष यानी इलेक्ट्रिकल फॉल्ट है। सस्ते और अनब्रांडेड वायरिंग या सॉकेट का उपयोग AC के साथ बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे शॉर्ट सर्किट और स्पार्किंग की आशंका बनी रहती है, जो आग लगने का बड़ा कारण हो सकती है।

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लगातार उपयोग और कंप्रेसर पर दबाव

AC को लगातार घंटों तक चलाते रहना भी एक गंभीर गलती है। जब यूनिट को ब्रेक नहीं मिलता तो कंप्रेसर पर लगातार लोड बढ़ता है। लगातार ओवरलोडिंग से सिस्टम ओवरहीट होता है और यह स्थिति भी ब्लास्ट जैसी घटना को जन्म दे सकती है।

AC ब्लास्ट से बचाव के प्रभावी उपाय

इन खतरों से बचने के लिए सबसे जरूरी है AC की नियमित मेंटेनेंस कराना। कम से कम हर छह महीने में एक बार AC की सर्विसिंग जरूर कराएं जिसमें कॉइल्स की सफाई, गैस की जांच और इलेक्ट्रिकल कनेक्शन की जांच शामिल हो।

सर्ज प्रोटेक्टर और वोल्टेज स्टेबलाइज़र का महत्व

इसके अलावा, सर्ज प्रोटेक्टर और वोल्टेज स्टेबलाइज़र का उपयोग करना भी बेहद जरूरी है। अचानक बिजली का फ्लक्चुएशन या हाई वोल्टेज आपके AC के सर्किट को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर सही उपकरण न हों, तो वह ब्लास्ट की स्थिति ला सकता है।

प्रोफेशनल इंस्टॉलेशन ही है सुरक्षित विकल्प

इंस्टॉलेशन के समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। कई बार लोकल टेक्नीशियन बिना मानक के AC इंस्टॉल कर देते हैं जिससे यूनिट सही तरह से काम नहीं करती और बिजली या गैस की लीक जैसी समस्याएं आती हैं। प्रोफेशनल और सर्टिफाइड सर्विस एजेंसी से ही इंस्टॉलेशन कराना हमेशा सुरक्षित रहता है।

वेंटिलेशन का सही होना भी है जरूरी

AC यूनिट के चारों तरफ उचित वेंटिलेशन भी जरूरी है। अगर यूनिट किसी संकरे या बंद स्थान में लगाई गई है, तो गर्मी बाहर नहीं निकल पाती जिससे ओवरहीटिंग की संभावना बढ़ जाती है। खुले और हवादार स्थान में AC लगाना मशीन की कार्यक्षमता के लिए बेहतर होता है।

स्मार्ट टेक्नोलॉजी की मदद से खतरा कम करें

बाजार में आजकल Smart AC भी आ रहे हैं, जो ओवरहीटिंग, गैस लीकेज या बिजली की गड़बड़ी के अलर्ट पहले ही दे देते हैं। इन विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि तकनीक का सही उपयोग जीवन को सुरक्षित बना सकता है।

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