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weird competition: सबसे ज्यादा देर तक लेटे रहने का कॉम्पिटिशन जीता! शख्स इतने घंटों तक बेड पर पड़ा रहा, जानें

चीन के इनर मंगोलिया में हुए "Lying Flat Contest" में एक युवक ने 33 घंटे 35 मिनट तक लेटकर जीत दर्ज की। यह अनोखी प्रतियोगिता युवाओं में बढ़ती Tang Ping यानी "लेटने" की प्रवृत्ति से प्रेरित थी। मोंटेनेग्रो के "Festival of Laziness" जैसा यह इवेंट सोशल मीडिया पर वायरल बन गया।

By Pinki Negi

कभी सोचा है कि अगर किसी ने कहा, “बस लेटे रहो और जीत जाओ”, तो क्या वाकई ऐसा संभव है? चीन में हाल ही में हुए “Lying Flat Contest” में यह हकीकत बन गया। उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया के बाओटौ शहर के एक शॉपिंग सेंटर में यह अनोखा मुकाबला हुआ, जहां प्रतिभागियों को बस गद्दे पर लेटे रहना था 33 घंटे तक!

मुकाबले की शुरुआत और नियम

यह प्रतियोगिता 15 नवंबर की सुबह 10:18 बजे शुरू हुई और अगले दिन शाम 7:53 बजे तक चली। आयोजक थे एक घरेलू गद्दा ब्रांड, जिसने अपने उत्पाद के प्रमोशन के साथ एक मज़ेदार कॉन्सेप्ट जोड़ा “लेटो, आराम करो और जीतो”।
नियम साफ़ थे:

  • प्रतियोगी बैठ या खड़े नहीं हो सकते थे।
  • मोबाइल चलाना, किताब पढ़ना, करवट बदलना और खाना ऑर्डर करना allowed था।
  • सबसे चुनौतीपूर्ण नियम, कोई भी बाथरूम नहीं जा सकता था।

यही नियम इस प्रतियोगिता की असली कसौटी साबित हुआ। कई प्रतिभागियों ने लंबा टिकने के लिए डायपर तक पहन रखे थे। आखिर में, सिर्फ एक 23 वर्षीय युवक ही 33 घंटे 35 मिनट तक टिक सका और विजेता घोषित हुआ।

इनाम और लोकप्रियता

विजेता को 3,000 युआन (करीब ₹38,000) का नकद पुरस्कार मिला। दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वालों को भी सम्मानित किया गया। लेकिन असली जीत शायद उस युवक की नहीं, बल्कि इस आइडिया की थी जिसने लाखों दर्शकों को सोशल मीडिया पर बांधे रखा।
इवेंट की लाइव-स्ट्रीमिंग वायरल हुई और चीन में “लेटे रहने” का यह नया ट्रेंड लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

“Tang Ping” — चीन की नई सोच

यह प्रतियोगिता दरअसल चीन की युवा पीढ़ी में लोकप्रिय हो रही जीवनशैली “Tang Ping” (लेटना) से प्रेरित थी। इसका अर्थ है, समाज के दबावों और प्रतिस्पर्धा से अलग हटकर एक शांत, न्यूनतम प्रयास वाली ज़िंदगी अपनाना। करियर रेस से थके युवाओं के लिए यह “लेटना” एक तरह का साइलेंट प्रोटेस्ट बन चुका है। लोग इसे आधुनिक “आराम क्रांति” कहने लगे हैं जहां महत्वाकांक्षा नहीं, मानसिक शांति बड़ी जीत मानी जाती है।

मोंटेनेग्रो का “Festival of Laziness”

दिलचस्प बात यह है कि चीन से पहले दुनिया इसी सोच को मोंटेनेग्रो के “Festival of Laziness” में भी देख चुकी है। यह यूरोप का एक फनी लेकिन गंभीर मैसेज वाला इवेंट है, जहां लोग हफ्तों तक लेटे रहते हैं बस यह साबित करने के लिए कि “लाइफ को स्लो करना कोई शर्म की बात नहीं।” 2023 में वहां के एक प्रतियोगी ने तो 460 घंटे यानी लगभग 19 दिनों तक लगातार लेटकर नया रिकॉर्ड बनाया था।

जब “Idle Time” बन जाए Inspiration

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में ऐसे अनोखे इवेंट एक ताज़ा हवा की तरह हैं। यह सिर्फ मज़ाक नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है, “सुकून भी एक उपलब्धि हो सकता है।” चीन और मोंटेनेग्रो के ये “आलस के त्यौहार” हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या वाकई लगातार दौड़ते रहना ही सफलता का एकमात्र रास्ता है?

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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