
लगातार बारिश आने से यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे करनाल के किसानों को भारी नुकसान हुआ. बाढ़ के कारण उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, साथ ही नदी की धारा बदलने से उनकी जमीन कटकर दूसरी तरफ चले गई है.
हरियाणा के किसानों की लगभग एक हज़ार एकड़ ज़मीन यमुना पार करके उत्तर प्रदेश चले गई है. ऐसे ही यूपी के कई किसानों की जमीन भी हरियाणा की ओर चले गई है. इस वजह से दोनों राज्यों के किसान अपनी जमीन ढूंढने के लिए परेशान हो रहे है.
बाढ़ के वजह से कई गांव बुरी तरह प्रभावित
यमुना नदी में बाढ़ आने से इंद्री, कुंजपुरा और घरौंदा ब्लॉक के 31 से ज्यादा गांव पूरी तरह प्रभावित हुए है. यमुना का बहाव बदलने से कई किसानों की जमीन का पता नही चल रहा है. किसान इस समस्या को हल करने के लिए डबकोली खुर्द के सरपंच अधिकारियों से बात कर रहे हैं.
नदी का पानी सामान्य होने पर किसान और अधिकारी इस मामले पर बात करेंगे. करनाल की करीब 14,000 एकड़ ज़मीन में बाढ़ का पानी भर गया था, जिससे लगभग 4,000 किसानों की 7,000 एकड़ फसलें खराब हो गईं.
हरियाणा की जमीन उत्तरप्रदेश की तरफ चले गई
रंदौली गाँव के पूर्व सरपंच बब्बू ने कहा कि यमुना नदी की धारा बदलने से हरियाणा की लगभग 1000 एकड़ ज़मीन यूपी की तरफ चले गई है. जिस वजह से किसान परेशान है. नदी के किनारे बसे लोगों को डर लग रहा है कि इस कारण उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा मिलने में दिक्कत हो सकती है.
इन गांवों में हुआ ज्यादा नुकसान
बाढ़ और बारिश के वजह से करनाल के कई गांवों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा असर घरौंडा, कुंजपुरा, और इंद्री ब्लॉक के गांवों पर पड़ा है. घरौंडा में गढ़ी बीरबल, बल्हेडा, बाहू माजरा, मुंडी गड़ी, और पीर बढोली जैसे कई गांव प्रभावित हुए. कुंजपुरा में शेरगढ़ टापू, मोदीपुर, मुगलमाजरा, चौरा और इंद्री के नागल मॉडल, कलसोरा, मुस्सेपुर, और तातारपुर सहित कई गांवों के खेतों में पानी भर गया है.