सरकार की सबसे चर्चित आयुष्मान भारत योजना में अब एक बड़ा बदलाव किया गया है. अब मस्तिष्क की सर्जरी, डिलीवरी (प्रसव) और बच्चेदानी के ऑपरेशन जैसी गंभीर बीमारियों का फ्री इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही होगा. इन बीमारियों के लिए प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड अब मान्य नहीं होगा.

क्या है नया नियम?
अब तक आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकारी ही नहीं, बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता था. लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि कुछ बीमारियों का इलाज केवल सरकारी अस्पतालों में ही किया जाएगा. अब इन बीमारियों का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं करवा पाएंगे.
इन तीन बीमारियों पर लागू होगा नया नियम:
- मस्तिष्क संबंधित ऑपरेशन
- डिलीवरी (प्रसव)
- बच्चेदानी का ऑपरेशन (हिस्टरेक्टॉमी)
असर कैसे दिखेगा?
देशभर में प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं। लेकिन अब इन अस्पतालों में ऊपर बताई गई बीमारियों के लिए इलाज नहीं मिल पाएगा. मरीजों को इसके लिए सिर्फ सरकारी अस्पतालों का ही रुख करना पड़ेगा. फिलहाल ये आदेश यूपी में आया है, देश के अन्य राज्यों में पहले जैसे इलाज जारी रहेगा.
इस फैसले के पीछे क्या कारण है?
सरकार का मकसद है कि:
- सरकारी अस्पतालों को मजबूत किया जाए
- प्राइवेट अस्पतालों पर बढ़ते खर्च और भीड़ को रोका जाए
- योजना के तहत होने वाले खर्च को संतुलित किया जाए
क्या बाकी इलाजों पर असर पड़ेगा?
नहीं, अभी के लिए सिर्फ तीन बीमारियों के इलाज में यह बदलाव हुआ है. बाकी सभी बीमारियों के लिए आयुष्मान कार्ड पहले की तरह सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में मान्य रहेगा.
अगर इलाज पहले से चल रहा हो तो?
अगर किसी मरीज ने पहले से ही प्राइवेट अस्पताल में इलाज शुरू कर रखा है, तो उसकी स्थिति उस अस्पताल की नीति और क्लेम प्रक्रिया पर निर्भर करेगी. सलाह दी जाती है कि ऐसे मरीज अस्पताल या आयुष्मान हेल्पलाइन से संपर्क करें.
जरूरी जानकारी कहां से लें?
इस बदलाव से जुड़ी जानकारी आप आयुष्मान योजना की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके ले सकते हैं. इसके अलावा नजदीकी सरकारी अस्पताल से भी जानकारी मिल सकती है.
अगर आप आयुष्मान कार्डधारी हैं, तो इलाज से पहले यह ज़रूर जान लें कि आपकी बीमारी में कार्ड कहां मान्य है. बिना जानकारी के प्राइवेट अस्पताल पहुंचने पर आपको इलाज के लिए पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं.