Who-Fi टेक्नोलॉजी से हो रही आपकी जासूसी? प्राइवेसी पर मंडरा रहा बड़ा खतरा!

आपकी हर हरकत पर नजर रख रही है एक नई टेक्नोलॉजी नाम है Who-Fi! बिना आपकी जानकारी के कैसे ट्रैक हो रही है आपकी मौजूदगी, और किन जगहों पर हो रहा है इसका इस्तेमाल? जानें इस टेक्नोलॉजी के पीछे की सच्चाई, इससे जुड़ा खतरा और इससे बचने के जरूरी उपाय, पूरी जानकारी आगे पढ़ें!

By Pinki Negi

आज के समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा बूस्ट देखने को मिला है। हालाँकि एआई से काम जितना आसान हो रहा है उतना ही लोगों की प्राइवेसी से जुड़े खतरे भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। जो एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है, टेक्नोलॉजी के जरिए बैंक अकाउंट हैक करने से लेकर जहाँ पहले किसी की पहचान के लिए कैमरा की जरुरत पड़ती थी। वहीँ अब Who-Fi टेक्नोलॉजी के जरिए बिना कैमरा किसी भी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है।

जी हाँ, Who-Fi जो एक तरह का अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बिना कैमरा के जरिए किसी भी व्यक्ति की पहचान की एक्टिविटी को ट्रैक करने या फिर किसी भी व्यक्ति की पहचान कर सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कैसे इस टेक्नोलॉजी के जरिए आपकी प्राइवेसी पर खतरा बना हुआ है।

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Who-Fi टेक्नोलॉजी कैसे करती है काम?

एक शोध के मुताबिक़ सामान्य 2.4 गीगाहर्ट्ज़ वाईफाई सिग्नल का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की पहचान और गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। यह टेक्नोलॉजी न केवल पहचान की पुष्टि के साथ-साथ निगरानी में भी अहम भूमिका निभाने में सक्षम है। बता दें, Who-Fi सिस्टम दो चीजों Wi-Fi सिग्नल और ट्रांसफॉर्मर बेस्ड न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करता है।

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कैसे रखी जाती है नजर

यह सिस्टम वाईफाई सिग्नल में हो रहे बदलावों को पढता है, जिसे चैनल स्टेट इन्फॉर्मेशन कहते हैं। इसमें देखा जाता है की कमरे में वाई-फाई किस तरह काम कर रहा है और जब सिग्नल किसी व्यक्ति के शरीर से टकराकर लौटता है, तो उसकी ताकत और डायरेक्शन में क्या बदलाव आया है, बलकुल उसी तरह जैसे रडार या सोनार सिस्टम काम करताहै । वाईफाई सिग्नल के जितना पास कोई व्यक्ति आता है तो उसका मौजूदगी सिग्नल के रास्ते में अलग पैटर्न बनती है।

इस पैटर्न की खासियत यह है की इसे व्यक्ति की चेहरे की बनावट, उँगलियों के निशान जैसे बायोमेट्रिक पहचान की तरह उपयोग किया जा सकता है। यह व्यक्ति के शरीर की एक्टिविटीज को कैप्चर करने के साथ-साथ साइन लैंग्वेज की पहचान भी कर सकता है। Who-Fi सिस्टम बिना कैमरे और माइक्रोफोन जैसे किसी भी सेंसर के बिना काम करता है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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