
हमारी छोटी से लेकर बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए नोट और सिक्के बेहद जरुरी है, जिसके बिना कोई काम नहीं हो सकता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये नोट और सिक्के कहाँ बनते है? भारत में कुछ खास जगहों पर इन नोटों और सिक्कों की छपाई की जाती है, तो आइए जानते है.
भारत में नोट की छपाई
आपको बता दे कि भारत में करेंसी नोट चार अलग – अलग प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते है. इसमें से दो करेंसी प्रेस भारत सरकार के होते है. जिन्हे सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) नाम की सरकारी कंपनी चलाती है. यह प्रेस नासिक (पश्चिमी भारत) और देवास (मध्य भारत) में है.
RBI के पास क्या है ?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पास बाकि की दो करेंसी प्रेस है, RBI के अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) प्रेस है, जो सूरु (दक्षिण भारत) और सालमोनी (पूर्वी भारत) में स्थित हैं.
सिक्के कहा बनते है ?
सिक्कों की छपाई भारत सरकार के स्वामित्व वाली SPMCIL की चार टकसालों में होती है, जो मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित हैं. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 38 के तहत, ये सिक्के सीधे बाज़ार में नहीं आते, बल्कि पहले RBI के पास जाते है, जिसके बाद हम लोगों तक पहुंचते है.
नोट छापने के नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भारत में नोट छापने का काम करती है, लेकिन कौन से नोट छापे जायेंगे ये सरकार तय करती है. बड़े रूपये के नोटों की छपाई के लिए सरकार की मंजूरी चाहिए होती है, यानी की सरकार अपनी मर्जी से जितने चाहे उतने नोट नहीं छाप सकती है.