
हरियाणा सरकार ने राज्य के किसान की सुविधा के लिए किसान मुख्यमंत्री बागवानी योजना (MBBY) के तहत बीमा करवाने की अंतिम तिथि को बढ़कर 31 जुलाई कर दिया है, पहले यह तिथि 31 मई तय की गई थी। इससे बागवानी से जुड़े किसान जो अभी तक अपना बीमा नहीं करवा पाए, वह अब अपनी फसलों के होने वाले नुकसान से भरपाई के लिए बीमा 31 जुलाई तक करवा सकेंगे।
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क्या है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के किसनों को प्राकृतिक आपदा के कारण हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजना है। इस योजना के अंतर्गत कई तरह की बागवानी फ को कवर किया जाता है और नुकसान की स्थिति में किसान को आर्थिक सहायता मुहैया कारवाई जाती है। इसके लिए किसानों को योजना में नामंकन हेतु कुल बीमा प्रीमियम का केवल 2.5 प्रतिशत भुगतान करना होगा, जबकि लागत राज्य सरकार द्वारा उठाई जाएगी।
योजना में शामिल कुल फसलें
इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित 46 फसलें शामिल की गई हैं।
- सब्जी में 23 फसलें जिनमें बैगन, भिंडी, मिर्च, लौकी, शिमा मिर्च, टमाटर। खीरा, प्याज़, कद्दू, तरबूज़ आदि शामिल है।
- फलों की कुल 21 फसलें जिनमें आम, अमरुद, नीम्बू, किन्नू, लीची, अंगूर, अनार, स्ट्रोबरी आदि शामिल है।
- मसालों में हल्दी और लहसुन दो फसलें शामिल है।
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कितना मिलता है मुआवजा
- MBBY योजना के तहत किसान को फसल के 26 फीसदी से 50 फीसदी नुकसान पर 50 फीसदी मुआवजा मिलता है यानी उसे 15 हजार से 20 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।
- यदि नुकसान 51 से 75 फीसदी है तो किसान को 75 फीसदी मुआवजा मिलता है यानी उसे 22500 रुपये से 30 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।
- अगर फसलों का नुकसान 75 फीसदी से अधिक है तो किसान को 100 फीसदी यानी सब्जी और मसालों पर 30 हजार रुपये और फलों पर 40 हजार रुपये की सहायता मिलती है।
- हालांकि यदि फसलों का नुकसान 25 फीसदी है तो उस किसान को कोई मुआवजा नहीं मिलता है।
- योजना के तहत अधिकारी समिति द्वारा फसल के नुकसान का आकलन करने के बाद, दी जाने वाली मुआवजे की राशि किसान के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
MBBY इंश्योरेंस प्रीमियम और कवरेज
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत सरकार द्वारा सब्जी और मसाले के प्रति एकड फसल पर इंश्योरेंस की राशि 30 हजार रुपये तय की गई है, जिसके लिए किसानों को केवल 750 रुपये प्रीमियम देना होता है। वहीं फलों के लिए यह राशि 40 हजार रुपये तय की गई है, जिसमें किसानों को 1000 रुपये प्रीमियम देना होगा।
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