
हाल ही में बिहार में मतदाता सूची की स्क्रीनिंग पर जमकर बवाल देखने को मिल रहा है, बता दें बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन के चलते कई नाम लिस्ट से हटाए गए हैं। इसपर सुप्रीमकोर्ट की माने तो न्यायालय का कहना है की उन्हे आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरिक्षण से कोई समस्या नहीं है, समस्या है तो केवल पुनरिक्षण की टाइमिंग से। क्योंकि चुनाव का समय नजदीक हैं और ऐसे में जिन लोगों के नाम लिस्ट से हटाए गए हैं उनके पास अपील का भी समय नहीं बचा।
ऐसे में कौन से ऐसे कारक हैं जिन्हे वोटर लिस्ट रिवीजन के समय चुनाव आयोग देखता है और उनके आधार पर लोगों के नाम लिस्ट से हटाएं जाते हैं, चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
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क्या है वोटर लिस्ट रिवीजन?
वोटर लिस्ट रिविजन चुनाव आयोग द्वारा किया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कार्य है, जिसके जरिए वोटर आईडी लिस्ट को अपडेट किया जाता है। चुनाव आयोग वोटिंग कराने के साथ-साथ लिस्ट में जरूरी बदलाव जैसे किसी परिवार द्वारा क्षेत्र में बदलाव या सदस्य के कम होने पर उसका नाम भी हटा देता है। हर चुनाव से पहले आयोग विशेष गहन पुनरिक्षण करता है, जिसमें जिन लोगों के नाम पहले से वोटर लिस्ट में होता है, उन्हे किसी तरह के कागज दिखाने की आवश्यकता नही होती।
क्यों काटे जाते हैं वोटर लिस्ट से नाम
चुनाव से पहले यह अक्सर देखा जाता है की कई सारे फर्जी वोटर्स जो मतदान के योग्य नहीं होते और उनके नाम भी लिस्ट में शामिल कर दिए जाते हैं। ऐसे में वोटिंग लिस्ट रिवीजन के जरिए ऐसे फर्जी वोटर्स के नाम लिस्ट से काट दिए जाते हैं। आमतौर पर यह संख्या हजारों में हो सकती है, बता दें 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया जिसमें कहा गया था की जिसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है उसे हटाया नही जा सकता। जिसके बाद अब बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए नामों को लेकर लोगों का मानना है की इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन माना जाना चाहिए।
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कैसे कटते हैं मतदाता सूची से नाम
मतदाता सूची से मतदाताओं का नाम हटाने के लिए इलेक्टोरल ऑफिसर की और से वोटर्स के नाम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। ड्राफ्ट जारी होने के बाद संबंधित एरिया का वोटर किसी भी नाम पर आपत्ति जताते हुए उसे वोटिंग लिस्ट से हटाने के लिए आवेदन कर सकता है। यह लिस्ट बाद में सभी राजनैतिक दलों को भेजी जाती है।
यदि कोई ईलेकटोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर यह बताना चाहता है की किसी वोटर का नाम किसी भी कारण से उस क्षेत्र की लिस्ट में शामिल नहीं होना चहाइए, तो उसके लिए उसे पहले फॉर्म-7 के जरिए आपत्ति दर्ज करनी होती है। वहीं जिसका नाम हटाया जाता है उसके नाम पर पहले नोटिस भेजकर इन्फॉर्म किया जाता है और जवाब न मिलने पर नाम लिस्ट से काट दिया जाता है।
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