
अगर आप एक टैक्सपेयर हैं तो यह खबर आपके लिए है, दरअसल सरकार की और से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए पैन और बैंक खातों को लिंक करने से जुड़ी नई सुविधा शुरू की गई है। इससे ऐसे टैक्सपेयर्स जिनका पैन और बैंक अकाउंट लिंक नहीं है वह भी इन्हें आसानी से लिंक कर सकेंगे। इस सुविधा के जरिए जहां पहले इनकम टैक्स रिफंड होने में 15 से 20 दिन तक का समय लगता था, वहीं अब रिफंड पहले से जल्दी आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा। तो चलिए जानते हैं टैक्स रिफंड से जुड़ी इस नई सुविधा से संबंधित संपूर्ण जानकारी।
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NPCI ने जारी किया सर्कुलर
इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पर पैन और बैंक अकाउंट के वेरीफिकेशन से जुड़ी यह सुविधा नेशनल पेमेंट कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की और से शुरू की गई है। इसके जरिए टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर PAN और बैंक अकाउंट को आसानी से जोड़ सकेंगे। इस सुविधा का ऐलान 17 जून, 2025 को NPCI के जारी सर्कुलर में किया गया था।
NPCI की तरफ से सरकारी विभागों के लिए मुख्य रूप से नया पैन और बैंक अकाउंट वेरीफिकेशन API पेश किया गया है। यह एपीआई बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से सीधे पैन डीटेल, बैंक अकाउंट की स्थिति और अकाउंट होल्डर के नाम का रियल टाइम वरीफिकेशन में मदद करेगा।
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वेरीफिकेशन के लिए CBS का उपयोग
NPCI की और से जारी सर्कुलर के मुताबिक एपीआई सरकारी विभागों की और से ग्राहक के खाते के विवरण जैसे पैन वेरीफिकेशन, अकाउंट सिचूऐशन वेरीफिकेशन, अकाउंटहोल्डर्स के नाम के सत्यापन के लिए उनके बॅक सीबीएस से इस्तेमाल करेगा। इसके लिए सभी मेंबर्स को प्राथमिकता के आधार पर लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है।
कैसे मिलेगा टैक्स रिफंड जल्दी
इस सुविधा के जरिए टैक्सपेयर्स के पैन और बैंक खाते की जानकारी को तुरंत वेरीफाई करके इनकम टैक्स रिफंड और डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर की प्रक्रिया को तेज बनाएगा। इसके लिए बैंको को एनपीसीआई के सुरक्षित एपीआई स्टैन्डर्ड को फॉलो करने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा, इससे टैक्सपेयर्स को सबसे अधिक फायदा यह होगा की उन्हे उनका रिफंड बिना किसी गलती के मिलेगा। वहीं यह सिस्टम पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ सिक्योरिटी से जुड़े खतरों को भी कम करेगा।
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