देश के कई हिस्सों में सड़क पर गड्ढों की समस्या अब सिर्फ असुविधा तक सीमित नहीं रही, बल्कि ये सीधी जान की दुश्मन बन चुकी है. रोज़मर्रा की आवाजाही में लोगों को न सिर्फ झटकों का सामना करना पड़ता है, बल्कि कई बार ये गड्ढे जानलेवा हादसों की वजह भी बनते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन गड्ढों की शिकायत करना न केवल आपका अधिकार है, बल्कि इसका समाधान करवाना जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी भी है? हम आपको बताएंगे कि अगर आपके रास्ते में गड्ढा है तो शिकायत कहां और कैसे करें, और यदि कोई हादसा हो जाए तो आप कानूनी रूप से क्या कदम उठा सकते हैं।
हर सड़क की होती है अलग जिम्मेदारी, पहले जानिए किसकी है कौन-सी सड़क
भारत में सड़कें अलग-अलग विभागों के अधीन आती हैं और उसी हिसाब से शिकायत करने की प्रक्रिया भी बदलती है।
1. राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढा हो तो कहां शिकायत करें?
अगर किसी हाईवे पर सड़क टूटी हुई है या गड्ढा है, तो ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती है। इसकी देखरेख भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन मंत्रालय करते हैं।
कैसे करें शिकायत:
- टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करें।
- NHAI या MoRTH की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
- ‘मेरी सड़क’ नाम के मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें, जिसमें फोटो और लोकेशन के साथ शिकायत भेजी जा सकती है।
2. अगर राज्य की सड़क पर गड्ढा है?
राज्य राजमार्ग या जिला सड़कें आमतौर पर राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के अंतर्गत आती हैं।
शिकायत के तरीके:
- संबंधित राज्य के PWD की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें।
- मुख्यमंत्री हेल्पलाइन या राज्य का शिकायत पोर्टल (जैसे उत्तर प्रदेश का जनसुनवाई पोर्टल) इस्तेमाल करें।
- ज़रूरत हो तो स्थानीय विधायक या अफसरों से भी संपर्क करें।
3. नगर निगम की सड़कें और मोहल्लों की गलियां किसके अधीन होती हैं?
शहरों की कॉलोनियों और गलियों की सड़कें नगरपालिका या नगर निगम की जिम्मेदारी होती हैं।
शिकायत कहां करें:
- अपने नगर निगम की वेबसाइट या ऐप पर शिकायत दर्ज करें। कई शहरों में मोबाइल ऐप्स भी होते हैं जैसे मुंबई में ‘Pothole Fixit’।
- स्थानीय पार्षद या वार्ड सदस्य से संपर्क करें।
- ट्विटर (अब X) पर संबंधित विभाग को टैग करें, जिससे जल्दी एक्शन हो सके।
4. गांवों की टूटी सड़कें किसे दिखाएं?
गांवों में बनी सड़कें ज़्यादातर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत आती हैं।
शिकायत का तरीका:
- PMGSY की वेबसाइट (omms.nic.in) पर जाकर अपनी सड़क का चयन करें और फीडबैक दें।
- ग्राम पंचायत या सरपंच के पास जाकर भी शिकायत कर सकते हैं।
केवल शिकायत नहीं, गड्ढे से नुकसान हुआ हो तो मुआवज़ा भी लिया जा सकता है
अगर गड्ढे की वजह से वाहन को नुकसान होता है, कोई घायल होता है या जान तक चली जाती है, तो सरकार से मुआवज़ा लेना संभव है। कई अदालतों ने भी इसे जायज़ ठहराया है।
किस आधार पर मिल सकता है मुआवज़ा?
- उपभोक्ता कानून: अगर आपने टोल टैक्स दिया है, तो आप ‘उपभोक्ता’ हैं और खराब सड़क ‘सेवा में कमी’ मानी जाती है।
- टॉर्ट कानून: अगर सरकारी लापरवाही की वजह से नुकसान होता है, तो क्षतिपूर्ति की मांग की जा सकती है।
- संवैधानिक अधिकार: सुरक्षित रास्ता और जीवन का अधिकार मौलिक अधिकारों में आता है।
क्या है प्रक्रिया?
- घटनास्थल और गड्ढे की तस्वीरें लें।
- पुलिस में FIR दर्ज कराएं।
- मेडिकल रिपोर्ट्स और खर्चों के बिल सुरक्षित रखें।
- किसी अच्छे वकील से सलाह लें।
- संबंधित विभाग को लीगल नोटिस भेजें।
- उपभोक्ता फोरम या सिविल कोर्ट में मुआवज़े की याचिका लगाएं।
राज्यवार कैसे करें शिकायत?
- उत्तराखंड: PWD की वेबसाइट mis.pwduk.in पर फीडबैक दर्ज करें। ‘अपणि सरकार’ पोर्टल (eservices.uk.gov.in) भी उपयोगी है।
- दिल्ली: PWD की वेबसाइट pwdsewa.pwddelhi.gov.in और WhatsApp नंबर 8130188222 से शिकायत कर सकते हैं। NDMC और MCD के अलग पोर्टल्स भी हैं।
- उत्तर प्रदेश: jansunwai.up.nic.in पोर्टल के ज़रिए शिकायत दर्ज की जा सकती है।
- मध्य प्रदेश: ‘लोक पथ’ ऐप के जरिए फोटो और GPS के साथ शिकायत करें। सरकार 7 दिन में समाधान का दावा करती है।
- हरियाणा: ‘हरपथ ऐप’ पर शिकायत दर्ज करने पर समाधान के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि भी मिल सकती है।