उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच, कई MLCs (प्रादेशिक परिषद के सदस्य) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अवकाश अवधि के दौरान शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को स्कूल न बुलाया जाए बल्कि घर से ही विभागीय काम करने की अनुमति दी जाए।

अवकाश 15 से बढ़कर 30 जून तक
गर्मी की तीव्रता को देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राथमिक स्कूलों का ग्रीष्मकालीन अवकाश पहले 15 जून तक था, जिसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षक सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक स्कूल बुलाए जा रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य और सुविधा दोनों के लिहाज़ से चिंताजनक है।
घर से काम करने की मांग
MLCs–देवेन्द्र प्रताप सिंह, आशुतोष सिन्हा, राज बहादुर सिंह चंदेल और अरुण पाठक ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट तौर पर अनुरोध किया है कि अवकाश के दौरान प्रशासनिक कार्य घर से करने की इजाजत हो। उनका मानना है कि इससे गर्मी की अनावश्यक चुनौतियां भी कम होंगी।
तबादले में पारदर्शिता की गुहार
इसी पत्र में MLCs ने तबादला प्रक्रिया में बदलाव की भी मांग की है। वर्तमान में प्राथमिक शिक्षकों के तबादले के लिए केवल 15 जिलों में आवेदन खोला गया है, जबकि बाकी 60 जिले छोड़ दिए गए हैं। इससे कई शिक्षक, खासकर बीमारी, दिव्यांगता या दंपत्ति की स्थिति में, पहले से ही ग़ैर-मुनासिब स्थिति में फंसे हुए हैं। उन्हें भी तबादला का मौका दिए जाने की मांग की गई है।