
सरकार ने जन्म प्रमाणपत्र को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी बच्चे के लिए स्कूल एडमिशन, पासपोर्ट बनवाना, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवाने के लिए डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब Digital Birth Certificate एकमात्र वैध दस्तावेज होगा जो जन्म और पहचान दोनों को प्रमाणित करेगा।
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क्या है Digital Birth Certificate?
Digital Birth Certificate एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्युमेंट है जो किसी व्यक्ति के जन्म को प्रमाणित करता है। पहले जन्म प्रमाणपत्र केवल जन्म का रिकॉर्ड होता था, लेकिन अब यह एक मल्टीपर्पस डॉक्युमेंट बन चुका है। नया डिजिटल सर्टिफिकेट अब पहचान प्रमाण (Identity Proof) के रूप में भी मान्य होगा और इसका उपयोग विभिन्न सरकारी सेवाओं और प्रक्रियाओं में किया जाएगा।
क्यों जरूरी हो गया है डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र?
सरकार की मंशा है कि सभी नागरिकों के पास एक ऐसा प्रमाण हो जो जन्म से लेकर मृत्यु तक की सरकारी सेवाओं में उनकी पहचान को स्थापित कर सके। इसके साथ ही डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत Birth और Death रिकॉर्ड को पूरी तरह ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने ‘जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1969’ (Registration of Birth and Death Act 1969) में संशोधन किया है।
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संशोधित कानून के मुताबिक, जन्म का रिकॉर्ड अब एक ही प्लेटफॉर्म पर बनेगा और उसी के आधार पर अन्य जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे आधार-Aadhaar, पासपोर्ट-Passport, ड्राइविंग लाइसेंस-Driving License, पैन कार्ड-PAN Card, वोटर आईडी-Voter ID, और स्कूल एडमिशन-School Admission की प्रक्रिया होगी।
आधार के साथ लिंक होगा डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र
डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य किया गया है। नवजात शिशु के जन्म के तुरंत बाद उसका जन्म प्रमाणपत्र जनरेट किया जाएगा और उसी समय आधार पंजीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी ताकि फर्जी प्रमाणपत्र या डुप्लीकेट पहचान की संभावनाएं खत्म हो सकें।