
शादी के समय लोग अलग-अलग तरह के गिफ्ट्स दूल्हा दुल्हन देते है, वहीं बहुत से रिश्तेदार गोल्ड देना पसंद करते है, क्युकी सोने को उचित निवेश माना जाता है, क्यूंकि जब कभी आपातकालीन स्थिति में पैसों की आवश्यकता पड़ती है तो उस समय सोना (Gold) ही काम आता है।
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लेकिन क्या आपने सोचा है, की इस गोल्ड ज्वैलरी पर टेक्स भी देना पड़ सकता है, आयकर अधिनियम नियमों के अनुसार, कुछ परिस्थितियों में शादी में मिले गहने टैक्स दायरे में आ सकते है, अगर आपको शादी में गिफ्ट के तौर पर गहने मिलते है, तो उस सोने की कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा होती है, तो इसे दूसरी जगह से आय माना जाता है।
शादी में गोल्ड गिफ्ट में टैक्स क्यों लगता है
शादी में मिले गोल्ड गिफ्ट की कीमत 50,000 रुपए से अधिक होती है, जो की इसे Income from Other Source माना जाता है, लेकिन अगर किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा यह गिफ्ट दिया गया है,जो टैक्स नियमों के अनुसार ‘रिश्तेदार’ की श्रेणी में आता है, तो उस पर टैक्स लगता है, लेकिन कुछ ऐसे भी नियम है जिनमें कुछ रिश्तेदारों से मिलें तोहफों पर छूट देते है, जैसे नाना-नानी, दादा-दादी, बहिन-भाई, माता-पिता, सास-ससुर शामिल है, जिनके तोहफों पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता।
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सोना बेचने पर टैक्स का क्या नियम है
अगर आपने गोल्ड खरीदा है, और आप उस गोल्ड को 3 साल से पहले बेचते है, तो उस पर शार्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा, और यह टेक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार तय होता है, वहीं अगर 3 साल से अधिक होल्ड करके रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 20% की दर से लगाया जाता है, जिसमें 4% का सेस भी जुड़ता है।
ICRA की रिपोर्ट
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा की वित्त वर्ष 2025-2026 में गोल्ड ज्वैलेरी की डिमांड में 12 से 14 फीसदी तक की बढ़ोतरी आ सकती है, लेकिन लोग अब सोना कम मात्रा में खरीद रहे है, मतलब की कम कीमत के चलते अगर कोई 20 ग्राम सोना ले रहा था, तो अब बढ़ती कीमत की वजह से उसने यह मात्रा घटाकर 10 ग्राम कर दी है, ज्यादातर मात्रा में सोने के बने सिक्के और बार खरीदने लगे है, वित्त वर्ष 2025-26 में सिक्के और बार की खरीदारी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई होगी, पिछले वित्त वर्ष इसमें 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी और इस बढ़ोतरी के बाद सोने की कुल बिक्री में सिक्के और बार की हिस्सेदारी बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगी।