
माइग्रेन से तुरंत राहत पाने की चाह में अक्सर लोग परेशान रहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि माइग्रेन-Migraine के लिए हर बार दवा खाना ही एकमात्र समाधान नहीं है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो सिर के एक तरफ तेज़, धड़कते हुए दर्द के रूप में उभरती है। इसके साथ मतली, उल्टी और रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। खास बात ये है कि इसका इलाज घर पर भी किया जा सकता है – और वो भी बेहद असरदार तरीके से।
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माइग्रेन के आम ट्रिगर और लक्षण
माइग्रेन के एपिसोड अक्सर तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव या कुछ विशेष फूड ट्रिगर्स जैसे चीज़ों की वजह से शुरू होते हैं। इसके लक्षणों को समझते हुए, यदि कुछ घरेलू उपायों को नियमित रूप से अपनाया जाए, तो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत पाना संभव है।
ठंडी सिकाई से कैसे मिलती है राहत

ठंडी सिकाई यानी कोल्ड कंप्रेस माइग्रेन के तेज दर्द में बेहद प्रभावी है। बर्फ के पैक को माथे पर रखने से नसों की सूजन कम होती है और दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
पेपरमिंट ऑयल का जादू
पेपरमिंट ऑयल से सिर और कनपटी की मालिश मांसपेशियों को शांत करती है और माइग्रेन के दबाव को कम करती है। पेपरमिंट में मेंथॉल होता है, जो ब्रेन को ठंडक देता है और दर्द की तीव्रता को घटाता है।
अदरक की चाय से राहत कैसे मिलेगी?

अगर आप नेचुरल ड्रिंक की मदद से राहत चाहते हैं तो अदरक की चाय एक बेहतरीन उपाय है। अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व माइग्रेन के दर्द और मतली दोनों में राहत देते हैं।
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लैवेंडर ऑयल की भाप लेने का असर
लैवेंडर ऑयल की भाप लेना भी लाभकारी माना जाता है। लैवेंडर की खुशबू तनाव को कम करती है और माइग्रेन की वजह से आई बेचैनी में भी राहत देती है।
कैफीन की सीमित मात्रा क्यों जरूरी है

कुछ मामलों में कैफीन भी माइग्रेन में सहायक हो सकता है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। अधिक मात्रा में कैफीन सिरदर्द को बढ़ा सकता है, लेकिन एक कप कॉफी माइग्रेन की शुरुआत को रोक सकती है।
धनिया की चाय कैसे मददगार है
पारंपरिक आयुर्वेदिक उपायों में धनिया की चाय को भी माइग्रेन के लिए फायदेमंद बताया गया है। धनिया में प्राकृतिक सूजनरोधी गुण होते हैं जो सिरदर्द को जड़ से शांत करने में मदद करते हैं।
योग और मेडिटेशन का माइग्रेन पर प्रभाव

योग और ध्यान माइग्रेन की रोकथाम में लंबे समय तक असर डाल सकते हैं। विशेषकर बालासन, उत्तानासन और अनुलोम-विलोम जैसी क्रियाएं दिमाग को शांत करती हैं और रक्त संचार को बेहतर बनाती हैं। ध्यान या मेडिटेशन तनाव के स्तर को घटाते हैं, जो माइग्रेन का मुख्य कारण है।
माइग्रेन डायरी और ट्रिगर की पहचान
माइग्रेन से जूझ रहे लोगों को चाहिए कि वे अपने ट्रिगर्स को पहचानें। जैसे तेज़ रोशनी, ज्यादा शोर, नींद की कमी, डिहाइड्रेशन या कुछ खास फूड आइटम्स। एक माइग्रेन डायरी रखें जिसमें हर बार दर्द शुरू होने से पहले और बाद के हालात नोट किए जाएं।
घरेलू उपाय अपनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
ध्यान देने वाली एक और बात यह है कि माइग्रेन का इलाज हर किसी के लिए अलग हो सकता है। इसलिए ऊपर बताए गए घरेलू उपायों को आज़माते समय धैर्य रखें और देखें कि कौन सा तरीका आपके शरीर पर सबसे बेहतर असर करता है। अगर लक्षण गंभीर हों, बार-बार दोहराए जाएं या घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो किसी न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह ज़रूर लें।
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