
अगर आपने 25 साल पहले हर महीने 10,000 रुपये की SIP की होती, तो आज आपके पास 1.6 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होती। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि आदित्य बिड़ला सन लाइफ बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (Aditya Birla Sun Life Balanced Advantage Fund) की वास्तविक परफॉर्मेंस है। 25 अप्रैल 2000 को लॉन्च हुए इस फंड ने पिछले ढाई दशकों में निवेशकों को निरंतर स्थिर और प्रभावशाली रिटर्न्स दिए हैं।
फंड हाउस द्वारा जारी एक विस्तृत वेल्थ क्रिएशन रिपोर्ट के अनुसार, इस फंड में ₹10,000 प्रति माह की SIP ने पिछले 25 वर्षों में लगभग 11.7% का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) देते हुए ₹1.6 करोड़ से अधिक की संपत्ति बना दी होती। वहीं यदि कोई निवेशक शुरुआत में ही ₹1 लाख का लंपसम निवेश करता, तो आज वह राशि ₹10.3 लाख से अधिक हो गई होती।
डायनामिक एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी की भूमिका
Aditya Birla Sun Life Balanced Advantage Fund की सबसे बड़ी ताकत इसकी डायनामिक एसेट अलोकेशन-Dynamic Asset Allocation स्ट्रैटेजी है। यह फंड बाजार के वैल्यूएशन के अनुसार इक्विटी और डेट के बीच संतुलन बनाता है। इससे निवेशकों को स्थिर रिटर्न मिलते हैं, साथ ही पूरी तरह इक्विटी फंड की तुलना में कम वोलैटिलिटी और रिस्क का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में इस फंड का प्रबंधन हरीश कृष्णन, लवलीश सोलंकी और मोहित शर्मा की तिकड़ी कर रही है। 30 अप्रैल 2025 तक इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹7,500 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, जो इसकी लोकप्रियता और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
बाजार की वोलैटिलिटी में भी स्थिरता
साल 2015 से अब तक के प्रदर्शन को देखें, तो इस फंड ने निफ्टी के औसत रिटर्न का करीब 80% रिटर्न दिया है, जबकि इसका औसत नेट इक्विटी एक्सपोजर मात्र 52% रहा है। इसके बावजूद, इसकी वोलैटिलिटी निफ्टी की तुलना में केवल 66% रही। यह फंड उन निवेशकों के लिए खासतौर पर उपयुक्त है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच भी अपेक्षाकृत स्थिर रिटर्न की तलाश में रहते हैं।
पिछले नौ सालों के आंकड़े भी इसके स्थायित्व को साबित करते हैं—फंड ने 3 साल की रोलिंग अवधि के 86% से अधिक समय में 8% से ज्यादा रिटर्न दिया है।
नेतृत्व और निवेशकों का विश्वास
Aditya Birla Sun Life AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO ए. बालसुब्रमण्यम कहते हैं, “इस फंड का 25 साल का सफर केवल इसके रिटर्न्स की कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारी निवेश टीम की सतत मेहनत और निवेशकों के भरोसे का प्रमाण भी है।”
निवेश से पहले ये बातें ध्यान रखें
हालांकि फंड का दीर्घकालिक ट्रैक रिकॉर्ड प्रभावशाली रहा है, लेकिन निवेशकों को यह समझना चाहिए कि पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं होता। डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड्स बाजार जोखिमों से पूरी तरह मुक्त नहीं होते। तेजी के बाजार में, जब इक्विटी एक्सपोजर कम होता है, तो फंड्स अपेक्षित रिटर्न देने में पीछे रह सकते हैं।
इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिस्क प्रोफाइल-Risk Profile को समझें और किसी योग्य वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें।