पीएम आवास योजना-Gramin (PMAY-G) को केंद्र सरकार ने साल 2016 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में बेघर या कच्चे मकान में रह रहे परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का घर उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल आवास प्रदान करती है, बल्कि सम्मानजनक जीवन की नींव भी रखती है। इसके तहत पात्र परिवारों को मैदान क्षेत्रों में ₹1,20,000 और पहाड़ी/कठिन इलाकों में ₹1,30,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त, टॉयलेट निर्माण के लिए अलग से राशि मिलती है और कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा भी दी जाती है।

आवेदन की अंतिम तारीख में महत्वपूर्ण बदलाव
इस योजना में आवेदन की अंतिम तिथि को अब 30 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह अंतिम तिथि 15 मई तय की गई थी। यह बदलाव उन लोगों के लिए राहत की खबर है, जो किसी कारणवश पहले आवेदन नहीं कर पाए थे। सरकार का यह कदम अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को योजना का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कौन कर सकता है आवेदन? जानिए पात्रता के मानक
पीएम आवास योजना-Gramin के लिए पात्रता का निर्धारण सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है। पात्रता की मुख्य शर्त यह है कि आवेदनकर्ता के पास पहले से कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। योजना के दायरे में निम्न वर्ग आते हैं:
- बेघर परिवार
- कच्चे या जर्जर मकानों में रहने वाले
- भीख मांगकर जीविका चलाने वाले
- कूड़ा बीनने वाले, सफाईकर्मी
- आदिवासी समुदाय
- बंधुआ मजदूरी से मुक्त हुए लोग
कैसे करें आवेदन? पूरी प्रक्रिया जानिए विस्तार से
योजना के लिए आवेदन pmayg.gov.in वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है। आवेदनकर्ता को अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार संख्या भरनी होती है। फिर फॉर्म को अपलोड कर “सर्च करें” बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अपना नाम सूची में तलाशें और “रजिस्टर” पर क्लिक करें। आवेदन के दौरान बैंक डिटेल्स दर्ज करना जरूरी है।
डॉक्यूमेंट्स की बात करें तो आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड और पक्का घर नहीं होने का शपथ पत्र आवश्यक हैं। आवेदन जमा करने के बाद स्थानीय अधिकारी दस्तावेजों का सत्यापन करते हैं और फील्ड निरीक्षण भी करते हैं। इसके पश्चात स्वीकृति मिलती है और आवास निर्माण के लिए किस्तों में राशि ट्रांसफर की जाती है।