
दिल दे रहा है खतरे का इशारा, और अगर समय रहते इन इशारों को नहीं समझा गया, तो मामला गंभीर हो सकता है। हार्ट डिजीज के बढ़ते मामलों के बीच एक अहम ट्रीटमेंट प्रक्रिया है एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)। जब दिल की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, तब रक्त प्रवाह बाधित होता है और ऐसे में एंजियोप्लास्टी जान बचाने वाला कदम बन सकता है। लेकिन सवाल ये है कि कब यह प्रक्रिया कराना अनिवार्य हो जाता है? अगर आप या आपके किसी जानने वाले को नीचे दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि अब देरी खतरनाक हो सकती है।
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छाती में दर्द या भारीपन

छाती में लगातार दर्द या भारीपन महसूस होना सबसे प्रमुख संकेत है कि दिल की धमनियों में ब्लॉकेज हो रहा है। इसे मेडिकल भाषा में एंजाइना (Angina) कहा जाता है। यह दर्द अक्सर शारीरिक गतिविधियों के दौरान या तनाव में बढ़ जाता है। यह दर्द सिर्फ सीने तक सीमित नहीं रहता बल्कि बाएं हाथ, जबड़े, पीठ या गर्दन तक फैल सकता है। इस अवस्था को नजरअंदाज करना हार्ट अटैक की दिशा में पहला कदम हो सकता है।
सांस फूलना
इसके अलावा एक आम लक्षण है सांस फूलना (Shortness of Breath)। अगर आपको सीढ़ियां चढ़ते हुए या थोड़ा चलने पर भी सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह संकेत हो सकता है कि दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही। ऐसे में दिल की मांसपेशियां ठीक से पंप नहीं कर पातीं और शरीर को पूरी तरह से रक्त नहीं मिल पाता। अगर ये लक्षण लगातार महसूस हों, तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से जांच करानी चाहिए।
अत्यधिक थकान और कमजोरी

कई बार बिना किसी भारी काम के भी थकावट और कमजोरी महसूस होना भी दिल की गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। खासकर अगर ये लक्षण हर दिन की दिनचर्या में खलल डाल रहे हों और आराम करने के बाद भी सुधार न हो, तो यह हृदय की कार्यक्षमता में गिरावट का सीधा संकेत है। एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता इस स्थिति में भी बन सकती है।
पैरों में सूजन
दिल की कमजोरी के कारण रक्त शरीर के निचले हिस्सों में जमने लगता है, जिससे पैरों, टखनों और टांगों में सूजन (Edema) आ जाती है। यदि इस तरह की सूजन सुबह से लेकर रात तक बनी रहती है और इसका कोई दूसरा कारण नजर नहीं आता, तो ये भी कार्डियक फेलियर या आर्टरी ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
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चक्कर आना या बेहोशी

कुछ मामलों में मरीज को चक्कर आना, सिर हल्का लगना या अचानक बेहोशी महसूस होना भी देखने को मिलता है। इसका कारण यह हो सकता है कि मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पा रहा है। ऐसे में शरीर खतरे की चेतावनी दे रहा होता है, जिसे नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
अक्सर लोग इन लक्षणों को सामान्य मानकर घरेलू उपायों या आराम से ठीक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि एंजियोप्लास्टी जैसे उपचार जितना जल्दी किए जाएं, उतना ही जीवन को बचाने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें दिल की ब्लॉकेड आर्टरी में एक बलून या स्टेंट डालकर ब्लॉकेज हटाया जाता है और रक्त प्रवाह को सामान्य किया जाता है।
किसे रहना चाहिए ज्यादा सतर्क?
अगर आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं, या फिर आप स्मोकिंग करते हैं, तो आपको इन लक्षणों के प्रति और अधिक सतर्क रहना चाहिए। हेल्थ चेकअप करवाना और समय रहते ईसीजी, इको या एंजियोग्राफी जैसी जांच कराना आपकी जान बचा सकता है।
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एंजियोप्लास्टी कितनी सुरक्षित है?
एंजियोप्लास्टी आज एक सुरक्षित और आम प्रक्रिया बन चुकी है। मेडिकल टेक्नोलॉजी की बदौलत इसमें जटिलताएं बेहद कम हैं, और रिकवरी टाइम भी पहले की तुलना में बहुत घट चुका है। लेकिन फिर भी, इसका फैसला लक्षणों की गंभीरता, जांच रिपोर्ट्स और डॉक्टर की सलाह पर ही आधारित होना चाहिए।