No UPI, सिर्फ कैश! इस शहर में बंद हुए डिजिटल पेमेंट, जानिए क्या है वजह

UPI से पेमेंट का दौर अब थमता दिख रहा है! भारत के इस बड़े शहर में दुकानदारों ने डिजिटल पेमेंट लेना कर दिया है बंद और अब मांग रहे हैं सिर्फ कैश। क्या है इसके पीछे की चौंकाने वाली वजह? क्या ये पूरे देश पर पड़ेगा असर? जानिए पूरा मामला और इसके पीछे की सच्चाई, पढ़ें आगे!

By Pinki Negi

आज के डिजिटल युग में किसी भी तरह की लेनदेन बिना कैश के आसानी से पूरी की जा सकती है। देशभर में करोड़ों लोग डिजिटल पेमेंट के जरिए 1 रूपये से लेकर हजारों रूपये तक की खरीद UPI की मदद से कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं बिना बैंक जाए भी मिनटों में अपने परिवार और दोस्तों को पैसे भेजना काफी आसान हो गया हैं, डिजिटल पेमेंट ने लोगों को न केवल बड़ी सहूलियत दी है बल्कि यह लोगों को रोजमर्रा की जरूरत बन चुका है।

हालाँकि इतनी सहूलियत के बावजूद भारत में एक ऐसा शहर हैं जहाँ कुछ लोग यूपीआई का विरोध कर रहे हैं, लेकिन ऐसा क्यों और इसके पीछे की वजह क्या है चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।

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क्यों हो रहा है UPI का विरोध

बता दें कुछ समय से बैंगलुरु में UPI के इस्तेमाल को लेकर कड़ा विरोध देखें को मिल रहा है। यहाँ दुकानदार UPI QR कोड को हटा रहे हैं और ‘NO UPI Only Cash’ वाला हाथ से लिखा हुआ पोस्टर चिपकाकर खरीदारी के लिए केवल कैश की मांग कर रहे हैं। माना जा रहा है की बड़ा कारण जीएसटी विभाग की बढ़ती सख्ती और ट्रांजेक्शन को लेकर आ रहा नोटिस है। इससे जहाँ एक तरफ सामान का लेनदेन के लिए फेरीवालों से लेकर दुकानदार तक इस सुविधा का फायदा उठा रहे थे, वहीँ अब वह इसका विरोध कर रहे हैं।

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व्यापारियों को मिले नोटिस

बता दें, कर्नाटक सरकार का 2025-26 के लिए 1.20 करोड़ रूपये का टैक्स कलेक्शन टारगेट रखा गया है। जिसे लेकर बहुत से दुकानदारों, वकीलों और सीए की माने तो राज्य में कई सारे ऐसे अनरजिस्टर्ड छोटे व्यापारी हैं, जिन्हें जीएसटी नोटिस मिले हैं, वहीँ कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें लाखों रुपये की टैक्स डिमांड भी आई है। वाणिज्य कर विभाग के अनुसार नोटिस उन्ही मामलों में जारी किए गए हैं, जहाँ 2021-22 से यूपीआई ट्रांजेक्शन डेटा में टर्न पवेर तय सीमा से अधिक सामने आया है।

GST नियम के अनुसार सामन बेचने वाले व्यापारियों को 40 लाख से अधिक के एनुअल टर्नओवर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरुरी होता है, वहीं सेवा प्रदाताओं के लिए भी 20 लाख रूपये की सीमा तय की गई है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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